मेवाड़ का इतिहास - बापा रावल
पराक्रमी शासक - बापा रावल
मूलनाम - कालभोज
गुरुजी - हारीत ऋषि
( हारीत ऋषि की गायें चराते थे)
चित्तौड पदासीन -- 734 ई. ( वीर विनोद के अनुसार मानमोरी को हराकर चित्तौड पर अधिकार कर लिया।)। राजधानी - नागदा सम्प्रदाय - पाशुपत सम्प्रदाय
निर्माण - एकलिंग नाथ मन्दिर (नागदा/कैलाशपुरी) "एकलिंगजी के दीवान" (उदयपुर)
नोट - अरब आक्रमणकारियों को गज़नी तक खदेडा । रावलपिन्डी (पाकिस्तान) शहर बसाया। सोने के सिक्के ढल्लवाएं (115 ग्रेन)
उपाधि - हिंदू सूर्य ( राजगुरु )
चक्कवे (चारों दिशाओं को जीतने वाला)
अल्लट
अन्य नाम - आलू रावल
राजधानी - नागदा
दूसरी राजधानी - आहड
निर्माण - वराह मन्दिर ( आहड)
नोट - हूण राजकुमारी हरियादेवी से विवाह । मेवाड में नौकरशाही का गठन।

