राणा सांगा - खानवा का युद्ध
मुगल संघर्ष
- बयाना का युद्ध (16 फरवरी, 1527 ई.)
मुगल किलेदार मेहदी ख्वाजा V's राणा साँगा
परिणाम - राणा सांगा विजयी
खानवा का युद्ध (17 मार्च, 1527 ई.)
मुगल ( बाबर) V's मेवाड़ (राणा साँगा)
बाबर का प्रचार - 1) जिहाद का नारा
2.)'तमगा' कर निषेध
3) शराब न पीना
●राणा सांगा द्वारा पाती पेरवन प्रथा। पृथ्वीराज (आमेर)
कुंवर मालदेव (मारवाड)
.कुवर कल्याणमल (बीकानेर)
मेदिनीराय (चन्देरी)
- हसन खाँ मेवाती (मेवात)
महमूद लोदी (इब्राहिम लोदी का भाई)
झाला अज्जा (सादडी )
परिणाम - बाबर विजयी
उपमा - गाज़ी
राणा साँगा पराजय के कारण-
1)तोपखाना
2) तुलुगमा युद्ध पद्धति
3)सलहंदी तंवर (रायसीन) और नागौर खानजादा मुस्लिम
का विश्वासघात
युद्ध - पश्चात्-
साँगा का ईलाज - बसवा (दौसा)
साँगा को जहर - ईरिच (म. प्र.)
साँगा की मृत्यु- कालपी (म. प्र.)
साँगा की छातरी - माण्डलगढ़ (भीलवाड़ा)
- राणा साँगा के उत्तराधिकारी
- रतनसिंह-2
(1528-31)
हाड़ी रानी कर्मावती
- 1) विक्रमादित्य (1531-36 ई.)
- 1) उदयसिंह (1537 - 1572)
नोट - राणा सांगा के पुत्र भोजराज का विवाह मीराबाई से हुआ।



