- राणा कुंभा की उपलब्धियाँ
- कुम्भा ने मेवाड़ के 84 दुर्गों में से 32 दुर्गा का
निर्माण करवाया
1.) कुंभलगढ़ / कटारगढ़ (राजसमंद)
2) बसन्ती दुर्गा (सिरोही)
3) मचान दुर्ग (सिरोही)
- 4) अचलगढ़ ( सिरोही)
5) भोमट दुर्गा (उदयपुर)
6.) बैराट दुर्ग
कुंभलगढ़ प्रशस्ति (1460, कवि महेश)
विजयस्तम्भ (1440-48, वास्तुकार- जैता, नाथा, पूंजा)
कीर्तिस्तंभ (1460, वास्तुकार - देपाक)
- श्रृंगार चंवरी मन्दिर
कुम्भा कालीन साहित्य
कुंभा का कृतित्व-
1.)संगीतराज (5 कोष)
2.)संगीत मीमांसा
3.)सूड प्रबंध
4.) रसिक प्रिया (टीका - गीतगोविंद)
5.)कामराज रतिसार (7 भाग)
6.)नृत्यरत्न कोष
संगीत गुरु - सारंग व्यास
- प्रिय वाद्ययंत्र - वीणा
- दरबारी साहित्यकार -
1.) मंडन मिश्र - 1.) रूप मंडन ( मूर्तिकला)
2.) राज वल्लभ
3.)देवमूर्ति प्रकरण
2.) कान्हा व्यास - एकलिंग महात्म्य
3.) मेहा - तीर्थमाला
4) गोविंद - कलानिधि
5.) नाथा - वास्तुमंजरी
• पुत्री - रमाबाई " वागीश्वरी " (संगीतज्ञा)



